Microprocessor क्या होता है?
माइक्रोप्रोसेसर को कंप्यूटर का मस्तिष्क कहा जाता है। आजकल, यह ज़्यादातर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में पाया जाता है, जैसे कि कंप्यूटर और स्मार्टफोन। दरअसल, माइक्रोप्रोसेसर ही वह तकनीक है जो हमारे कंप्यूटर और स्मार्टफोन को इतनी तेज़ी से प्रक्रिया करने में सक्षम बनाती है। आइए, आज हम इसके बारे में विस्तार से जानें।
माइक्रोप्रोसेसर एक एकीकृत परिपथ (Integrated Circuit - IC) होता है, जिसे अत्याधुनिक वीएलएसआई (VLSI - Very Large Scale Integration) तकनीक द्वारा निर्मित किया जाता है. इसमें लाखों ट्रांजिस्टरों, गेटों और अन्य इलेक्ट्रॉनिक घटकों को एक छोटी सी चिप पर समाहित किया जाता है।
यह एक Programmable Processing Unit है. इसका अर्थ है कि माइक्रोप्रोसेसर को विभिन्न कार्यों के लिए निर्देशों का एक सेट दिया जा सकता है, जिसे हम सॉफ्टवेयर के रूप में जानते हैं।
माइक्रोप्रोसेसर निम्न कार्यों को करने में सक्षम होता है।
- Instruction Fetch
- Instruction Decode
- Data Processing
- Result Output
- Control Signals
आधुनिक माइक्रोप्रोसेसरों में आमतौर पर ये उप-विभाग होते हैं:
- अर्थमेटिक लॉजिक यूनिट (ALU)
- कंट्रोल यूनिट (CU)
- रजिस्टर फाइल (Register File)
- कैश (Cache)
- स्क्रैचपैड मेमोरी (Scratchpad Memory)
अर्थमेटिक लॉजिक यूनिट (ALU): ALU डेटा पर सभी गणितीय और तार्किक कार्यों को पूरा करती है।
आसान भाषा में कहे तो जब आप computer में calculator application का इस्तेमाल करते है तो ये सभी processing ALU ही perform करता है।कंट्रोल यूनिट (CU): कंट्रोल यूनिट (CU) सीपीयू (सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जिसे "मस्तिष्क" भी कहा जाता है। यह निर्देशों को पढ़ने, समझने और उन्हें पूरा करने के लिए जिम्मेदार होता है। CU, ALU (अंकगणित और तार्किक इकाई) और अन्य घटकों के बीच समन्वय भी स्थापित करता है।
कंट्रोल यूनिट के मुख्य कार्य निम्नलिखित हैं:
- Decoding instructions
- Controlling the ALU
- Controlling data flow
- Generating clock signals
- Managing interval timers
रजिस्टर (Register): जिस्टर कंप्यूटर के प्रोसेसर में बहुत तेज़, short-term storage होते हैं। ये छोटे मेमोरी स्लॉट होते हैं जो डेटा की बहुत कम मात्रा को स्टोर कर सकते हैं, लेकिन वे कंप्यूटर को चलाने के लिए महत्वपूर्ण होते हैं.
आप इसे इस तरह समझ सकते हैं: जब भी कोई प्रोग्राम चलता है, तो प्रोसेसर को निर्देशों (instructions) और डेटा को प्रोसेस करने की आवश्यकता होती है. यह डेटा रजिस्टरों में थोड़े समय के लिए रखा जाता है ताकि प्रोसेसर जल्दी से उन तक पहुंच सके और उन पर काम कर सके. रजिस्टरों तक पहुंचने की गति सामान्य रैम (RAM) की तुलना में बहुत तेज़ होती है, यही कारण है कि वे महत्वपूर्ण हैं।
CPU रजिस्टर कई तरह के होते हैं, जिनमें से प्रत्येक का एक विशिष्ट कार्य होता है. उदाहरण के लिए:
इंस्ट्रक्शन रजिस्टर (IR): यह रजिस्टर उस निर्देश को रखता है जिसे प्रोसेसर currently executing कर रहा है।
Accumulator (ACC): यह एक तरह का छोटा और fast storage space होता है जो गणितीय और तार्किक गणनाओं के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
प्रोग्राम काउंटर (PC): प्रोग्राम काउंटर (PC), जिसे इंस्ट्रक्शन पॉइंटर (IP) भी कहा जाता है, यह CPU में एक विशेष-उद्देश्य रजिस्टर है। यह रजिस्टर उस मेमोरी स्थान का पता संग्रहीत करता है जहां से CPU को अगला निर्देश फेच करना चाहिए।
यह CPU के संचालन के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सुनिश्चित करता है कि निर्देशों को सही क्रम में execute किया जाए।
प्रोग्राम काउंटर कैसे काम करता है:
- जब कोई प्रोग्राम शुरू होता है, तो प्रोग्राम काउंटर को पहले निर्देश के मेमोरी स्थान पर सेट किया जाता है।
- CPU मेमोरी से उस स्थान से निर्देश को फेच करता है।
- निर्देश को डिकोड और निष्पादित किया जाता है।
- निर्देश के निष्पादन के बाद, प्रोग्राम काउंटर को अगले निर्देश के मेमोरी स्थान पर अपडेट किया जाता है।
Steps 2 से 4 को तब तक दोहराया जाता है जब तक कि सभी निर्देश निष्पादित न हो जाएं।
कैश मेमोरी (Cache Memory): कैश मेमोरी एक तरह की हाई-स्पीड RAM होती है, लेकिन ये मेन रैम से कहीं ज्यादा तेज़ होती है. ये CPU के पास ही स्थित एक छोटा सा मेमोरी चिप होता है. चूंकि ये सीपीयू के करीब होता है, इसलिए डाटा को लाने-ले जाने में लगने वाला समय काफी कम हो जाता है।
कैश मेमोरी कई कैश लेवल (Cache Levels) में विभाजित होती है, जिनमें L1 (लेवल 1) सबसे तेज और सबसे छोटा होता है और L3 (लेवल 3) सबसे धीमा और सबसे बड़ा होता है. हर लेवल के कैश का अपना खास डाटा होता है।
कैश मेमोरी में डाटा को स्टोर करने और निकालने के लिए कई एल्गोरिदम (Algorithms) इस्तेमाल किए जाते हैं. ये एल्गोरिदम ये तय करते हैं कि कौनसा डाटा कैश में रखा जाए और कब उसे हटाया जाए।
उदाहरण के लिए, अगर कोई वेबसाइट आप हर रोज़ खोलते हैं. तो कैश मेमोरी उस वेबसाइट के कुछ हिस्सों को अपने पास स्टोर कर लेती है. ताकि अगली बार जब आप वो वेबसाइट खोलें तो उसे रैम (RAM) या हार्ड डिस्क से दोबारा लाने की ज़रूरत ना पड़े. इससे वेबसाइट काफी तेजी से खुल जाती है।
कैश मेमोरी भले ही छोटी होती है, पर ये बहुत तेज होती है. ये सीपीयू के बिलकुल पास लगी होती है, जिससे डाटा को लाने-ले जाने में देरी नहीं होती. हालांकि, कैश मेमोरी में हर चीज़ को स्टोर नहीं किया जा सकता है, क्योंकि इसकी जगह कम होती है. इसीलिए, वही चीज़ें रखी जाती हैं जिनकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत पड़ती है।
स्क्रैचपैड मेमोरी (Scratchpad Memory): सीपीयू (केंद्रीय प्रसंस्करण इकाई) में एक तरह की तेज गति वाली कैश मेमोरी होती है। यह अस्थायी रूप से डेटा को स्टोर करने के लिए उपयोग की जाती है जिसे सीपीयू बार-बार एक्सेस करता है। आप इसे उसी तरह समझ सकते हैं जैसे आप किसी रफ काम के लिए स्क्रैचपैड या स्लेट का इस्तेमाल करते हैं।
दोस्तों स्क्रैचपैड मेमोरी के बारे में मैंने डिटेल में पोस्ट बनाया है आप फीड सेक्शन में जा के पढ़ सकते है ।
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